अपनी सुगन्ध में तड़पता छोड़ जाने कहाँ चली गयी सूरज में प्रकाश नही। अपनी सुगन्ध में तड़पता छोड़ जाने कहाँ चली गयी सूरज में प्रकाश नही।
इस नफरत की दुनिया में एक मात्र प्यार है। इस नफरत की दुनिया में एक मात्र प्यार है।
सतत मानव को जगत से जोड़तीं मधुर वत्सलता के मधु में बोरतीं। सतत मानव को जगत से जोड़तीं मधुर वत्सलता के मधु में बोरतीं।
विश्वास प्रेम आस्था मुस्कान अपनो की तो अब बचा क्या ? विश्वास प्रेम आस्था मुस्कान अपनो की तो अब बचा क्या ?
वह कौन निशा का एक समर्पण ? वह कौन उषा की मूक फिरन ? वह कौन निशा का एक समर्पण ? वह कौन उषा की मूक फिरन ?
अनंतकाल प्रेम समाधि में संपूर्ण लीन हो जाउं ! अनंतकाल प्रेम समाधि में संपूर्ण लीन हो जाउं !